आजादी के आन्दोलन में जो अंग्रेजों के साथ खड़े थे, आज सत्ता सुख भोग रहे हैं

Ashok srivastava
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आजादी के आन्दोलन में जो अंग्रेजों के साथ खड़े थे, आज सत्ता सुख भोग रहे हैं Those who stood with the British in the freedom movement are today enjoying the pleasures of power.



बस्ती, 09 अगस्त।
अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर कांग्रेस पार्टी के दफ्तर पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने स्वतंत्रता आन्दोलन में योगदान देने वाले सेनानियों को याद किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने कहा कांग्रेस का गौरवशाली इतिहास है। अनेक नेताओं ने आजादी के आन्दोलन में अपना सबकुछ देश को समर्पित कर दिया। अगस्त क्रांति का बिगुल महात्मा गांधी ने फूंका तो समूचा देश उनके साथ खड़ा हो गया।


गांधी जी ने कहा आजादी से कम हमें कुछ भी मंजूर नहीं। उन्होने अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा दिया। यह देश की आजादी के लिये आखिरी लड़ाई थी। गांधीजी ने देशवासियों को करो या मरो का मंत्र दिया। हालांकि आन्दोलन शुरू करने के ऐन मौके पर अंग्रेजों ने कई बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया, लेकिन देश को आजाद कराने के लिये जनता सड़कों पर आ चुकी थी। आखिरकार अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा। पूर्व अध्यक्ष अनिरूद्ध त्रिपाठी ने कहा आज जो राजनीतिक दल तथाकथित राष्ट्रवाद की दुहाई देता है और इसको हथियार बनाकर देशवासियों को गुमराह करता है उसे राष्ट्रवाद से कोई मतलब ही नही है। सत्ता हथियाने के लिये वे तथाकथित राष्ट्रवाद का ढोंग रचाते हैं।

पूर्व विधानसभा प्रत्याशी देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा स्वतंत्रता आन्दोलन से जुड़कर जब अंग्रेजों का सामना करना था और देश को आजादी दिलानी थी उस वक्त जो लोग अंग्रेजों के साथ खड़े थे, आज सत्ता का सुख भोग रहे हैं। उस दल में मुट्ठी भर लोग भी नही हैं जिनका योगदान स्वतंत्रता आन्दोलन में रहा हो। लेकिन दुष्प्रचार और संवैधानिक संस्थाओं की आजादी छीनकर ऐसे लोग उन्हे बदनाम कर रहे हैं जिनका देश को आजादी दिलाने में गौरवशाली इतिहास रहा है। गोष्ठी को सुरेन्द्र मिश्रा, अशोक श्रीवास्तव, डीएन शास्त्री समेत कई वक्ताओं ने सम्बोधित किया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष के प्रस्ताव पर भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को ओलंपिक में डिस्क्वालीफाई किये जाने की मांग पर सभी ने सहमति जताई और मामले की जांच की मांग की गई।

कार्यक्रम का संचालन पार्टी प्रवक्ता मो. रफीक ने किया। प्रमुख रूप से डा. श्रीमती शीला शर्मा, शकुन्तला देवी, अनिल भारती, मो. अशरफ अली, लालजीत पहलवान, डा. मारूफ अली, शेषनाथ गिरि, शौकत अली नन्हू, अफजल हुसेन, गंगा प्रसाद मिश्रा, यशराज के.के, जगदीश शर्मा, ज्ञानप्रकाश पाण्डेय, अमरबहादुर शुक्ल, संजीव गिरि, सुजीत शुक्ला, लक्ष्मी यादव, रामबचन भारती, फिरोज खान, रामबाबू, शेर मोहम्मद, शिवनारायण पाण्डेय, अलीम अख्तर, दिलीप श्रीवास्तव, बृजेश पाण्डेय, विनोदरानी आहूजा, अतीउल्लाह सिद्धीकी, नफीस अहमद, राजकपूर, अरूण भारती, अजय प्रताप सिंह, शीतला प्रसाद शुक्ला, नर्वदेश्वर शुक्ला, शिवाकांत शुक्ला, शशि तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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